Abuse (A True Story) दुरुपयोग (एक सच्ची कहानी)

                              दुरुपयोग (एक सच्ची कहानी) Abuse (A True Story)

.                ऐ शिल्पा... और एक जोरदार सीटी की आवाज! जिसे सुनकर शिल्पा तो क्या आस-पास के दूसरे बच्चे भी मुड़कर देखने लगे। शिल्पा घबराकर प्लेग्राउंड से क्लास की तरफ फौरन निकल जाती है। 

अभी प्रेयर को कंप्लीट हुए 10 मिनट भी नहीं हुए थे कि अचानक ये सब! पर पता नहीं क्यों सब लोगों ने नजरअंदाज कर दिया इस घटना को, पर कनक मैम की निगाहें उस सीटी बजाने वाले लड़के को खोज ले गईं।

कनक मैम ने उसे इशारे से बुलाया, वो लापरवाही से आया। जूते की जगह हवाई चप्पल, पैंट कमर से इतना नीचे की बस किसी तरह टिकी करने को बेल्ट के साथ संघर्ष कर रही , टाई भी छाती से नीचे तक खुली हुई। मैम ने उसकी इस पर भी ध्यान दिया पर, उन पर कुछ कमेंट ना करके; सीधे व‌ सपाट लहजे में पूंछ लिया- सीटी क्यों बजाई? उधर से वो लड़का बस घूरता रहा, तो इस बार बहुत सख्ती और ऊँची आवाज में पूँछा- 'सीटी कैसे बजाई, हिम्मत कैसे हुई? उसने लापरवाही से उत्तर दिया 'मन कर रहा था, तो बजा दी'। इससे पहले कि मैम और कुछ बोलती, प्रिंसिपल सर ने आकर मामला संभाला और लड़के को क्लास में वापस भेज दिया।

कनक मैम को कुछ खटका तो, उन्होंने गेस किया कि शायद मैनेजमेंट वालों में से किसी का रिलेटिव होगा या किसी बड़ी हस्ती का बेटा। मैम को बुरा बहुत लगा, उन्होंने प्रिंसिपल सर से सिकायती भरे लहजे में कहा भी कि,  सर आप ऐसे कैसे जाने दे सकते हैं, को-इजुकेशन स्कूल है, और ये लड़का अभी 10th में ही है। और 11th की लड़की तक को परेशान करके रखा है इसने, ये ईव-टीसिंग है, अपराध है ये! और ना जाने क्या-क्या मैडम एक सांस में बोलती चली गयी। लॉस्ट में प्रिंसिपल सर ने सिर्फ एक लाइन कही- जाने दीजिए कनक मैम! बेवजह अभी विवाद हो जाएगा, आप नई हो ना, धीरे-धीरे समझ में आ जाएगा।

कनक मैम मन- मसोस कर रह गयी, नई जाब और पहला ही दिन था। वरना इसके पहले जहाँ वो‌ पढ़ाती थी, वहाँ कोई ऐसा करे ये सोंच से भी परे था। नैतिकता और मर्यादा के अंदर जो रहेगा उसके लिए वो माँ और बड़ी बहन जैसी थी, जो दुलार भी करती थी और हर दिन का पाठ भी पूरी तल्लीनता और आत्मीयता से सब के अंतर्मन में उतारती थी। पर जब भी किसी ने मर्यादा और नैतिकता को छेड़ने की कोशिश की तो उसे अच्छा सबक एक सीख के साथ मिलता था, कि मर्यादा और नैतिकता का पालन करना कितना सुखद और आनंद देता है। अब वो सबक कभी-कभी सिर्फ समझाने से ही आ जाता था तो कभी समझावन से भी आता था। पर्सन-टू-पर्सन पर डिपेंड करता था।

कनक मैम आज सुबह से लंच तक ही यह सब सोंच रही थी कि पुराना ही स्कूल और पुरानी ही जॉब सही थी, यहाँ इस माहौल में तो एडजस्ट करना बड़ा मुश्किल हो जाएगा। लंच मैम कर ही रही थी कि उनके केबिन में वो‌ ही लड़की। आ गयी जिसे सुबह, उस लड़के ने सीटी मारी थी। अभिवादन के बाद, वो‌ लड़की सुबकने लगी। उसे सुबकता देख, मैंम के हलक‌ में खाना अटक गया। किसी तरस उसे चुपकराकर उससे सारी बात पूँछने की कोशिश की।लड़की ने बताया कि उस लड़के का नाम रमाकांत है, उसके पापा चिकित्सा-विभाग में अधिकारी हैं। वो बहुत सी लड़कियों को छेड़ता है, और वाशरुम के पास जाकर गन्दे-गन्दे इशारे करता है। लड़की ने बताया कि उसने पहले भी क्लास 9th में इसकी शिकायत कुछ टीचर्स से की थी, पर जब उन्होंने एक्शन लेने की कोशिश की तो उन्हें ही स्कूल ने निकाल दिया।

कनक मैम का पारा चढ़ गया, माथा ठन-ठन ठनकने लगा! उन्होंने कहा कि इसको मैं देखती हूँ। उन्होंने तुरंत प्यून को बुलाकर कहा कि 'क्लास 10 से जाकर रमाकांत को बुलाकर लाओ, उससे कहना कि कनक‌ मैम ने उसे रुम नं. 11 में बुलाया है। कनक मैम रुम नं 11 में उसे इसलिए बुलवाया था कि वहाँ कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जिससे अगर जरुरत पड़े तो बच्चे के साथ थोड़ी सख्ती भी की जा सके। रमाकांत, सुबह की तरह ही पूरी लापरवाही के साथ आया और बिना परमीशन लिए ही टीचर के सामने पैर के ऊपर पैर रखकर बैठ गया। रुम में कनक मैम, वो लड़की और रमाकांत ही थे। मैम ने सारी बातें रमाकांत से पूँछी तो उसने सब स्वीकार कर लिया। जब उसने सब कुछ बिना कहे ही स्वीकार कर लिया तो मैम ने मन-ही-मन उसके साथ सख्ती करने विचार त्याग दिया और उसे समझाने की ठानी, और उन्होंने लड़की को क्लास में वापस भेज दिया।

लड़की के जाते ही कनक मैम‌ ने, बहुत धैर्य और सधे शब्दों में रमाकांत को‌ समझाना शुरु किया। और एज़ इक्सपेक्टेड, सारी बातें रमाकांत के सर के ऊपर से गुजरने लगीं। एकाएक ना जाने, रमाकांत को क्या सूझा उसने मैम की साड़ी के पल्लू को छूने की कोशिश की, जब तक मैम को समझ में आता, उसने एकाएक उनकी साड़ी के पल्लू क़ो‌ बहुत ही बैड-इंटेशन के साथ हवा में उड़ाने की कोशिश की। मैम का धैर्य जवाब दे गया, किसी को कुछ समझ में आता इससे पहले ही एक जोरदार तमाचा रमाकांत को कमरे की जमीन चटा गया। मैम अवाक रह गयीं, रमाकांत नीचे पड़ा हुआ था। मैम तेज कदमों के साथ कमरे से बाहर निकल गयीं। 

उन्होंने ‌सारी बात जाकर प्रिंसिपल सर को बताई। प्रिंसिपल सर बोले, कनक मैम आप भी कमाल करती हैं ‌।‌ बिना सीसीटीवी कैमरे वाले कमरे आप उसे लेकर गयीं और जिसवक्त ये सब हुआ उस समय, आप और वो ही थे वहाँ कोई तीसरा है जो गवाही देगा। अभी मैम उनको कैसे समझाती कि क्या हुआ था, और क्यों वो उसे रुम नं. 11. में लेकर गयी थीं। खैर प्रिंसिपल सर ने रमाकांत को बुलाकर डांटा और कहा कि कल अपने पैरेंट्स के बिना यहाँ दिखाई ना देना, वरना टांगे तोड़ दूँगा। रमाकांत इनोसेंट सा बन गया, बोला कर क्या हुआ! मुझसे कुछ गलती हो गयी क्या, मैंने तो कुछ भी नहीं किया सर! सर बोले कल माता-पिता को लेकर आओ फिर बताते हैं। रमाकांत का शातिर दिमाग़ बहुत तेजी से काम कर रहा था, उसे भी पता था कि होगा कुछ नहीं,‌क्योंकि कमरे में कैमरा नहीं लगा था।

कल सुबह 9:30 पर रमाकांत शान के साथ अपने माता-पिता को लेकर स्कूल में हाजिर! प्रिंसिपल सर ने रमाकांत को बाहर भेजा और खुद,  कनक मैम के साथ रमाकांत के माता-पिता से बोले कि देखिए आप का लड़का, लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करता है, उन्हें सीटी मारता है, और वाशरुम में जाकर उल्टी सीधी बेहूदी और गंदी हरकते करता है, ये हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। कल हमारी टीचर ए साथ उसने बहुत गिरी हुई शर्मनाक हरकत करने की कोशिश की।। हम चाहते तो कल के कल रिपोर्ट कर देते पुलिस में, पर हम एक मौका उसे देना चाहते थे, आप इसको ले जाइए, परीक्षा देने भेज दीजिएगा हम इसको स्कूल में एलाउ‌ नहीं कर सकते। वहाँ से रमाकांत के माता-पिता, रमाकांत को डांटते धमकाते लेकर चले गए, और उन्होंने साथ ही स्कूल प्रिंसिपल का धन्यवाद भी दिया। सबको लगा कि चलो बला टली , बिना विवाद के ही हल हो गया। कनक मैम का स्ट्रेस भी थोड़ा रिलीज हुआ।

अगले दिन की सुबह जब मैम स्कूल आईं तो उन्हें सबसे पहले प्रिंसिपल आफिस बुलाया गया, उन्होंने देखा कि प्रिंसिपल आफिस में कुछ फीमेल पुलिस भी थीं, कनक मैम को देखते ही पुलिस वाले बोले। चलिए मैडम आपके खिलाफ कंप्लेंट है, बाकी की बातें थाने में होंगी। अभी कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही कनक मैम को लेकर पुलिस थाने के लिए निकल गई। पीछे-पीछे प्रिंसिपल सर भी स्टाफ के कुछ सदस्यों को लेकर थाने की ओर गए। पता ये चला कि कल उसी लड़के के माता-पिता ने sc/st एक्ट ए तहत कनक मैम के खिलाफ एक मुकदमा लिखाया है, साथ में थप्पड़ मारने की धारा भी एड कर दी है। मामला sc/st एक्ट का था, इसीलिए पुलिस उनो तुरंत लेकर आ गई। पूरे स्टाफ और कनक मैम ने बहुत रिक्वेस्ट  की, उ सब ने यह समझाने की बहुत कोशिश की, कि sc/st एक्ट के मुद्दे से जुड़ी कोई बात नहीं हुई है, उल्टे वो‌ लड़का ही ईव-टीजिंग कर रहा था। पर उन सब की एक ना चली, कंपेल्ट में साफ-साफ रमाकांत के माता-पिता की तरफ से लिखाया गया था कि कनक नाम की अध्यापिका ने उनके बेटे को भद्दी गालियां दी, जाति सूचक शब्द कहे और बुरी तरीके से पीटा। पुलिस कनक मैम को न्यायालय ले जाने लगी, कनक मैम ने सर पीट लिया कि क्यों एक निर्दोष को सजा दे रहे हो, अरे वो अध्यापिका हैं। जिंदगी में उन्होंने कभी किसी के सरनेम को नहीं बल्कि सिर्फ ह्यूमन-बीइंग को पढ़ाया है‌। पर आज मैम की कोई नैतिक शिक्षा उनका साथ ना दे पाई और कोर्ट ने उन्हें 14 दिन‌की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

किसी तरह 2 महीने बाद उनकी जमानत हुई, जब वो जमानत पर छूटकर आईं तो वो पहले जैसी बिल्कुल नहीं थी, वो एक मेंट्रल ट्रामा में जा चुकी थी। एक शिक्षका,  जिसने हमेशा स्कूल का द्वार खोलकर न जाने कितने बच्चों को जेल के द्वार से बचाया, आज वो खुद 2  महीने बाद जेल से छूटकर उस यातना से बाहर आईं थी। उनके बाहर आते ही तमाम शिक्षक संगठनों और सामाजिक संगठनों ने उनके लिए पहल करने की कोशिश की, कनक मैम एक बेहतरीन समाजसेवी और वृद्धाश्रम से जुड़े कार्य भी करती थी, इसलिए वहाँ के कई संगठन भी आगे आए। पर अधिकतर कुछ कर इसलिए नहीं पाए क्योंकि sc/st एक्ट में रमाकांत को बेनिफिट आफ डाउट एंड लैंक आफ एविडेंस का एज़ मिल गया था। कुछ प्रबुद्ध लोगों और संगठनों ने जब रमाकांत के परिवार से इसके समाधान के लिए संपर्क किया तो पहले तो रमाकांत की फैमिली ने सीधे मना कर दिया। फिर कुछ दिन बाद बैकडोर से एक समझौता सामने आया जिसमें संधि और सुलह की कीमत 6 लाख थी।

बाबासाहेब आंबेडकर और ज्योतिबा फुले जिन अधिकारों और कानूनों के लिए असीमित संघर्ष और परिश्रम करके संसद से लड़े और उन्हें पास करवाया। कुछ लोग उनकी शक्तियों को ऐसे भी दुरुपयोग करते हैं कि घिन आ जाए, और दुरुपयोग भी कहाँ कर रहे हैं 'शिक्षा', 'शिक्षकों' एवं 'स्कूल्स' पर! अरे इसी शिक्षा प्राप्त करने के लिए तो ये सब हुआ था। कुछ प्रश्न और कुछ उत्तरों की अपेक्षा मैं आप सब से भी कमेंट बाक्स में करता हूँ। अपने प्रश्न या उत्तर कमेंट बाक्स में जरुर बताएंँ। और साथ में ये भी बताएँ कि आपको उस रमाकांत को दंडित करने का अवसर मिलता तो आप क्या करते!!!!!

 (कहानी सत्य  घटना पर आधारित है, पात्रों के नाम और जगह परिवर्तित है सिर्फ)

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