Compatible effect(संगत का असर)दो तोतों के कहानी पर आधारित

Compatible effect(संगत का असर)

दो तोतों के कहानी पर आधारित 

 एक बार एक नगर में पशु -पक्षियों का मेला लगा हुआ था।मेले में कई तरह के पशु -पक्षी बिकने के लिए आये थे।एक तोते वाले के पास दो तोते थे ।वह आवाज लगा रहा था ,"एक तोता पांच रूपये का दूसरे तोता पांच सौ रुपये का ।जो तोता पांच रुपये वाला ले जाना चाहता है वो ले जाये ,लेकिन पांच सौ वाला तोता ले जाने वाला को दूसरा तोता भी लेना पड़ेगा ।"
 तभी नगर का राजा वहाँ आया ।उसने भी तोते वाले की आवाज सुनी ,उसे हैरानी हुई और तोते वाले के पास जाकर पूछने लगा ,"भाई तोते वाले ! इन दोनों तोते के दाम में अंतर क्यों है ?"
तोता वाला बोलै ,"आप इन दोनों तोतों को  खरीद लें।आपको भी पता चल जायेगा ।"
राजा ने दोनों तोते खरीद लिए ।रात को सोते समय पांच सौ वाला तोता को अपने शयन कक्ष में टाँगवा दिया ।
जब सुबह हुई और सूर्य उदय हुआ तो तोता ने बोला "उठो , मिट्ठू नमस्कार करता है ।" आवाज लगा कर राजा को उठाया ,उसके बाद तोता ने कुछ भजन सुनाये ।।यह सुनकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ ।
अगली रात दूसरा जो पांच रुपये वाला तोता था उसे  टंगवा दिए ।सुबह होते ही वो तोता गली -गलौज  करने लगा साथ -साथ अपशब्द बोलने लगा । 
यह सुन कर राजा को गुस्सा आ गया और सिपाहियों को बुला कर राजा ने आदेश दे दिया की इसे मृत्यु दंड दे दो ।
कक्ष के बाहर ही पहले वाला तोता टंगा हुआ था ,जैसे उसने यह बात सुनी तो  वो चिल्लाने लगा । राजा ने उस तोते को अंदर मंगवा लिया,राजा ने चिल्लाने का कारण पूछा तो पता चला कि वो उसका भाई था । तोता ने बोला महाराज हम दोनों एक साथ पकड़े गए  परन्तु हमारा परवरिश  मेरे को एक संत ने पाला था , मेरे भाई को शराबी -जुआरी  ने पाला था । यह तो संगत का असर है तभी तो ये  गाली दे रहा है ,इसे "क्षमा करे महाराज "।
राजा ने तोते की बात मान  ली और उसे उड़ाने का आदेश दे दिया ।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है :-

तोता बेचने वाला बहुत ही चतुर था ।तभी उसने तोतों की कीमत इस प्रकार निर्धारित किया था की सुनने वालो की हैरानी होगी ।संगत का असर कितना प्रबल है यह पता चलता है इस कहानी में जो एक भातृ प्रेम की भी झलक मिलती है इस कहानी में ।
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